Friday, March 25, 2011

फायदे का सौदा

फायदे का सौदा


दूसरा विश्व युद्ध सितंबर 1939 में प्रारंभ हुआ था, हालांकि अमेरिका ने लंबे समय तक युद्ध से दूरी बनाए रखी। लेकिन 7 दिसंबर 1941 को जापान की हवाई सेना द्वारा पर्ल हार्बर पर हमला करने के बाद अमेरिका भी युद्ध में मित्र राष्ट्रों का साथी बन गया। वर्ष 1942 में समूचा ब्रिटेन और खासतौर पर लंदन अमेरिकी सैनिकों की पदचापों से गूंज रहा था। ब्रिटेन की अनेक लड़कियों ने अपने पुराने प्रेमियों को अलविदा कह दिया और अमेरिकी जवानों से दोस्ती गांठ ली, जिनकी जेबें डॉलरों और बेहतरीन ब्रांड की सिगरेटों से भरी हुई थीं। एक दिन एक अमेरिकी सैनिक को एक अंग्रेज लड़की नजर आई, जो सड़क के दूसरी तरफ तेज कदमों से चली जा रही थी। वह खुद को रोक न पाया और जबर्दस्ती उसका चुंबन ले लिया। लेकिन वह अन्य अंग्रेज लड़कियों की तरह नहीं थी।



उसने जवान की इस हरकत की शिकायत पुलिस में कर दी और उसे अगले दिन लंदन की अदालत में पेश होना पड़ा। लड़की की शिकायत सुनने के बाद जज ने अमेरिकी सैनिक पर पांच पाउंड का जुर्माना लगा दिया। लेकिन उसकी जेब की तलाशी लिए जाने पर उसके पास से केवल दस पाउंड का एक नोट ही बरामद हुआ। उसने वह नोट निकालकर अदालत की मेज पर रख दिया। उसने देखा कि कोर्ट क्लर्क के पास उसे लौटाने के लिए खुल्ले पैसे नहीं थे। उसने आव देखा न ताव, उस लड़की का एक बार फिर चुंबन लिया और खुशी-खुशी बाहर चला गया। लड़की हक्का-बक्का रह गई। 23 साल के उस नौजवान सैनिक ने अपनी पूरी जिंदगी में इससे बेहतर सौदा कोई दूसरा नहीं किया था।



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